नए बिल से हजारों नौकरियों पर संकट
इस कानून के बाद इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। Dream11 और MPL जैसे बड़े रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपने कैश-बेस्ड गेम्स बंद कर दिए हैं और अब सब्सक्रिप्शन या कैज़ुअल गेमिंग की तरफ बढ़ रहे हैं। लेकिन इस बदलाव की कीमत काफी भारी पड़ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कानून पास होने के तुरंत बाद कंपनियों ने करीब 6,500 नौकरियां खत्म कर दीं। वहीं, इंडस्ट्री का अनुमान है कि आने वाले समय में और भी नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।
कड़े दंड और आर्थिक रोक
नए एक्ट के तहत सख्त सजाएं तय की गई हैं।
- पैसे वाले गेम ऑफर या सपोर्ट करने वालों को 3 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
- बैंक और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि वे इन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स से जुड़ी कोई भी ट्रांजैक्शन प्रोसेस न करें।
- इस तरह सरकार ने साफ कर दिया है कि इस कानून को सख्ती से लागू किया जाएगा।
नए बिल से ई-स्पोर्ट्स और सुरक्षित गेमिंग को बढ़ावा
जहां एक ओर मनी गेम्स पर पूरी रोक लगी है, वहीं सरकार ने ई-स्पोर्ट्स को आधिकारिक खेल का दर्जा देकर इसे बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, सोशल और शैक्षिक गेम्स को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे न सिर्फ ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को संरक्षण मिलेगा, बल्कि सुरक्षित और रचनात्मक डिजिटल गेमिंग का भी विस्तार होगा।
ऑनलाइन गेमिंग बिल लागू होने के बाद भारत का गेमिंग सेक्टर अब एक नए मोड़ पर खड़ा है। एक ओर जहां ई-स्पोर्ट्स और सुरक्षित गेमिंग के लिए रास्ता खुल रहा है, वहीं रियल-मनी गेमिंग का पूरा इकोसिस्टम ढह गया है।